छत्तीसगढ़ में कबाड़ में मिली इसी सत्र की स्कूली किताबें:पूर्व विधायक उपाध्याय बोले- सरकार ने बुक्स खरीदी और बिना बांटे ही बेच दी।।
रायपुर के सिलियारी में स्थित पेपर मिल के कबाड़ में लाखों किताबें मिली है। इसमें सरकार की ओर से प्रदेश के सभी स्कूलों में बांटी जाने वाले किताबें हैं। सभी किताबें इसी सत्र की हैं। आरोप है कि ये सारी बुक्स पेपर मील में कटिंग के लिए लाई गई थी।
किताबों के ढेर को कांग्रेस के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने देखा। इसके बाद वे फैक्ट्री के सामने ही धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि, सरकार ने बुक्स खरीदी और बिना बांटे ही बेच दी।
इसी सत्र की हैं किताबें
पेपर मिल में मिली किताबें शिक्षण सत्र 2024-25 की ही हैं। ज्यादातर किताबें उनमें से नई भी हैं। जिसमें पहली क्लास से लेकर 12वीं तक की किताबें हैं। इसी सत्र की नई किताबें पेपर मिल में क्यों थी इन्हीं को लेकर अब सवाल खड़े हो रहे हैं।
बुक्स खरीदी और बिना बांटे बेच डाली
विकास उपाध्याय ने कहा कि, इन किताबों को छापने और बांटने में बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है। छत्तीसगढ़ में माता सरस्वती का अपमान किया गया है। मैं एक सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होकर गुजर रहा था। मैंने इन किताबों का ढेर देखा।
छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम इसे प्रिंट करती है। इन्हीं को सरकार मुफ्त में बांटती है। इस समय इन किताबों को गरीब बच्चों के बैग में होना था, लेकिन ये इस प्रदेश का दुर्भाग्य है कि ये किताबें यहां रद्दी में कट रही हैं।
विकास उपाध्याय ने उठाए सवाल
उपाध्याय ने कहा कि, यह किताबें इसी सत्र की हैं, किन लोगों ने इन किताबों को बेचा?
किन लोगों ने किताबों को ख़रीदा?
आखिर रद्दी में ये बुक्स कैसे पहुंच गई यह सब जांच का विषय है
ये बड़ा सवाल है कि आखिर वो लोग कौन हैं जो नहीं चाहते की किताबें छात्रों तक पहुंचे ?
उन्होंने कहा कि, यह किताबें यहां रद्दी में कट रही हैं, फिर करोड़ों रुपए देकर यहीं से छपवाया जाएगा। लाखों रुपए का इस पर कमीशन भी जाता है। हाल ये है कि सब कुछ हो जाने के बाद भी बच्चों तक किताबें नहीं पहुंच रही हैं।