मोना स्कूल सारंगढ़ में मल्हार 2024 का भव्य आयोजन…
मोना स्कूल सारंगढ़, में 22 वां फाउंडर्स डे , मल्हार का भव्य आयोजन गत दिनों किया गया। विदित हो कि गत 22 वर्षों से मोना ग्रुप ऑफ एजुकेशन शिक्षा के क्षेत्र में लगातार अपने नए प्रयोगों, अनूठी शिक्षा नीति और बच्चों के प्रयोगात्मक सम्पूर्ण विकास के जरिये क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाते आ रहा है। इसी कड़ी में इस वर्ष मोना मॉडर्न स्कूल सारंगढ़ में “22 वां फाउंडर्स डे-मल्हार” का आयोजन किया गया। मोना ग्रुप ऑफ एजुकेशन के फाउंडर द्वय श्री रीतेश केशरवानी एवं श्रीमती तोषी गुप्ता केशरवानी ने मल्हार 2024 के आयोजन के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि भारत की सांस्कृतिक विरासत के हर रूप को दर्शाता इस वर्ष मल्हार 2024 विभिन्न विशेषताओं से भरपूर था। विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करते हुए, “पारंपरिक संस्कार और आधुनिक विचार” के टैग लाइन को आत्मसात करते हुए मल्हार के इस आयोजन के मुख्यातिथि मोना ग्रुप ऑफ एजुकेशन के अध्यक्ष श्री बी पी केशरवानी जी एवं श्रीमती लता केशरवानी जी रहे। दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत माता सरस्वती की वंदना से की गई। तत्पश्चात छत्तीसगढ़ के राज्यगीत, “अरपा पैरी के धार” के सामूहिक गायन से कार्यक्रम को गति प्रदान की गई जिसमें प्रांगण में उपस्थित सभी व्यक्तियों ने राज्यगीत के सम्मान में खड़े होकर राज्यगीत का सुमधुर गायन कर इस मल्हार को विशेष बना दिया। मल्हार 2024 में कार्यक्रम संचालन की भूमिका आदर्श पटेल, शार्वी केशरवानी, अंशु पटेल एवं आस्था शुक्ला ने संभाली। कार्यक्रम में “ऐ मेरे वतन” के समूहगीत ने उपस्थित जनमानस को देशभक्ति के रंग से सराबोर दिया। भारतीय विरासत तथा भारतीय संस्कृति के विविध रूप की झलक “एक भारत श्रेष्ठ भारत” में दिखाया गया। क्रिकेट की दीवानगी आईपीएल और उसकी उप्लब्धयों को दिखाते नृत्य से दिखाई गई क्लास वन के स्टूडेंट्स ने। मोबाइल के चंगुल में फंसे बच्चों के छीनते बच्चों बचपन को देख एक माँ के द्वारा कैसे बच्चों को पुराने विलुप्त होते खेलों के बारे में बता उन्हें मोबाइल से दूर रहने का संदेश दिया क्लास टू के बच्चों ने। “आरम्भ है प्रचंड” और “नमो नमो शंकरा” जैसे एनर्जेटिक गानों पर नृत्य का अद्भुत प्रदर्शन नर्सरी से यूकेजी के बच्चों ने किया। वही दादा दादी के प्यार और सम्मान से भरपूर “दादा जी की छड़ी” ने बच्चों और दादा दादी के बीच प्रेम और लगाव को दिखाया एलकेजी के बच्चों ने। भाई बहन के प्यार और तकरार को दिखाता “मेरा भाई” प्रस्तुत किया क्लास वन के स्टूडेंट्स ने। “एक चतुरनार” और “झूम झूम झुमरू” जैसे कॉमेडी नृत्य के प्रदर्शन ने दर्शकों को खूब हंसाया। बच्चे शुरू में हॉस्टल नहीं जाना चाहते और जब हॉस्टल चले जाते हैं तो वहाँ से आना नहीं चाहते।हॉस्टल के चैलेंजेस और सामंजस्य के बाद हॉस्टल की मस्ती को दिखाया क्लास चौथी के छात्रों ने “हॉस्टल लाइफ” के द्वारा। महाकाल भगवान शिव के “शिव तांडव” तथा शिवभक्तों द्वारा वीररस से भरपूर नृत्य का अद्भुत प्रदर्शन 8वीं के स्टूडेंट्स ने दिखाया वहीं “शिवतांडव का अनुवाद आशुतोष राणा की आवाज में गाये गीत में” 7वीं के स्टूडेंट्स ने कथक में परन के बोलों की सुन्दर प्रस्तुति दी। दक्षिण भारत की संस्कृति को दिखाया 2री के स्टूडेंट्स ने। वहीं बुराई पर अच्छाई की जीत को दिखाया 3री से 5वीं के स्टूडेंट्स ने। छत्तीसगढ़ की संस्कृति को “बारहमासी नृत्य” के द्वारा दिखाया 6वीं से 11वीं के स्टूडेंट्स ने जिसमें “गेड़ी नृत्य, सुआ नृत्य, राउत नाच, माता भक्तों द्वारा जवारा यात्रा, कर नापना, पंथी नृत्य, फाग गीत , डंडा नृत्य” द्वारा दिखाया गया। युवाओं में बढ़ते ड्रग एडिक्शन और कैंसर अवेयरनेस को दिखाते और नशे से दूर रहने का संदेश *मोना कॉलेज ऑफ फॉर्मेसी* के स्टूडेंट्स ने अपने नृत्य के माध्यम से दिया। मल्हार 2024 का मुख्य आकर्षण रहा “इसरो” पर आधारित नृत्यनाटिका जिसमें इसरो के “चंद्रयान 3” के सफल प्रक्षेपण को दिखाया 5वीं के स्टूडेंट्स ने जिसमें चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग का जीवंत प्रदर्शन किया गया जहाँ चंद्रयान 3 का मॉडल स्टेज से स्कूल बिल्ड़िंग की छत पर बने चंद्रमा के मॉडल पर पहुँचा जहाँ तिरंगा फहराया गया। “गजानना, कान्हा सो जा जरा, रावण” के हैंड फॉर्मेशन के अद्भुत नृत्य को दर्शकों ने बहुत सराहा। क्लास 4थी के स्टूडेंट्स ने “सेव ट्री” का संदेश दिया वहीं 8वीं के स्टूडेंट्स ने बारिश ना होने पर एक किसान की व्यथा को दिखाया। मछुआरा समुदाय के “कोली नृत्य” पंजाब के “पंजाबी रीमिक्स”, तथा “राजस्थानी नृत्य” ने सांस्कृतिक विविधता दिखा दर्शकों की तालियाँ बटोरी। वहीं आर्मी के नौजवानों द्वारा दुश्मनों से भारत की रक्षा पर आधारित जाबांजी से भरपूर नृत्य का प्रदर्शन किया गया। शार्वी एवं निहाल ने इस नृत्यनाटिका में स्केटिंग का सुंदर प्रदर्शन किया। 8वीं एवं 9वीं के स्टूडेंट्स ने “योगा” द्वारा स्वस्थ जीवन का संदेश दिया वहीं “पसूरी”, “मेरे ढोलना सुन”, “बाहुबली”, “मुर्शिद खेले होली” के द्वारा स्टूडेंट्स ने अद्भुत नृत्यकौशल का प्रदर्शन किया। “द्रोणाचार्य तथा एकलव्य” पर आधारित नृत्यनाटिका गुरुदक्षिणा ने गुरु के प्रति आदर एवं सम्मान को दिखाया वहीं “वीर छत्रपति शिवाजी महाराज” के वीर रस से भरपूर नृत्य प्रदर्शन से प्रांगण “जय भवानी जय शिवाजी” के नारों से गूंज उठा । वहीं दूसरी ओर “वीर क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव” पर आधारित नृत्यनाटिका में “इंकलाब जिंदाबाद” के नारों के बीच उनकी फाँसी के मार्मिक दृश्य के प्रदर्शन ने उपस्थित जनमानस के रोम रोम को देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत के दिया। इस तरह मल्हार 2024 विभिन्न भारतीय संस्कृति को दिखाते हुए विविधताओं से भरपूर रहा। फाउंडर द्वय श्री रीतेश केशरवानी तथा श्रीमती तोषी गुप्ता केशरवानी द्वारा सभी प्रस्तुतियों के पश्चात बच्चों को स्टेज में पुरस्कृत किया गया। मल्हार 2024 में लगभग 1500 बच्चों ने विभिन्न प्रतिभाओं का प्रदर्शन कर इस मल्हार को विशेष बना दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्था के सभी शिक्षक शिक्षिकाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा।