25 जून ‘संविधान हत्या दिवस’ घोषित।
नई दिल्ली। इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को आधी रात से ठीक पहले इमरजेंसी का ऐलान किया था। इमरजेंसी के खिलाफ जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी जैसे कई दिग्गज नेता अरेस्ट हो गए थे। 1976 में दिल्ली के दुजाना हाउस फैमिली प्लानिंग क्लीनिक में नसबंदी अभियान चला था।
केंद्र सरकार ने 25 जून को ’संविधान हत्या दिवस’ घोषित कर दिया। गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार 12 जुलाई को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी। सरकार ने इसका नोटिफिकेशन भी जारी किया है। शाह ने लिखा, ‘25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था। लाखों लोगों को अकारण जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया।
आपात काल के अमानवीय दर्द को अनंतकाल तक नहीं भूल पाएंगे-सीएम
25 जून 1975 को पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी जी और कांग्रेस द्वारा लगाए गए आपातकाल के अमानवीय दर्द को भारतवासी अनंतकाल तक नहीं भूल पाएंगे। लोकतंत्र सेनानियों ने तत्कालीन सरकार से लडक़र, अपना सब कुछ झोंक कर देश को दूसरी आजादी दिलाई थी। भारत सरकार ने हर साल 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय किया है। यह दिन लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित करने का दिन है, जो उनके विराट योगदान का स्मरण कराता है कि कैसे उन्होंने आपातकाल की विभीषिका को झेला था।