पुलिस भर्ती में घोटाले का आरोप, लेन-देन में नाम आने के डर से सरायपाली-बसना क्षेत्र के रहने वाले आरक्षक ने की आत्महत्या…. पढ़िए पूरी ख़बर …
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग
राजनांदगांव में एक आरक्षक ने खुदकुशी कर ली. उसने फांसी लगाने से पहले अपने हाथ में पुलिस भर्ती घोटाले को लेकर बड़ा खुलासा किया है. पुलिस में लेन-देन के आरोप के बाद आरक्षक अनिल रत्नाकर ने सुसाइड किया है. वे खैरागढ़ में पदस्थ थे. वह सरायपाली बसना क्षेत्र का रहने वाला था. शनिवार सुबह लालबाग थाना क्षेत्र के रामपुर रोड में एक पेड़ में उसने फांसी लगा ली. आरक्षक के जूते और गाड़ी खेत में मिली है.
आरक्षक ने पुलिस भर्ती में धांधली की बात कही है. उसने मरने से पहले अपने हाथ में लिखा – भर्ती ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है वहीं, अधिकारियों को बचाया जा रहा है.
आरक्षक के फांसी लगाने के बाद आशंका लगाई जा रही है कि आरक्षक भर्ती में लेन-देन में नाम आने के डर से उसने यह आत्मघाती कजम उठाया है. आरक्षक की ड्यूटी पुलिस भर्ती के दौरान फिजिकल टेस्ट में लगाई गई थी.
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने इस मामले में ट्वीट किया –
राजनांदगांव का पुलिस भर्ती घोटाला तो गंभीर मामला दिखता है।
आरक्षक अनिल रत्नाकर ने आत्महत्या से पहले अपने हाथ पर जो लिखा है वह इसकी गंभीरता को बताता है।
‘कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है, अधिकारियों को बचाया जा रहा है। अधिकारी सब इन्वॉल्व हैं’ का मतलब साफ़ है विष्णुदेव साय जी।
भ्रष्टाचार तो हुआ है। अधिकारियों की भूमिका भी है।
अब तो उच्च स्तरीय जांच होनी ज़रूरी है।