बेंगलुरु में फ्रिज में मिला महिला का शव : संदिग्ध की हुई पहचान, फिर भी खाली हाथ क्यों पुलिस?
नई दिल्ली:
बेंगलुरु के सनसनीखेज महालक्ष्मी हत्याकांड के आरोपी की पहचान हो गई है. महालक्ष्मी की लाश टुकड़ों में उसके घर के फ्रिज में मिली थी. अब सवाल ये उठ रहा है कि महालक्ष्मी की हत्या इसी घर में की गई या फिर हत्या कहीं और करके लाश के टुकड़े यहां लाकर रखे गए.
बताया जा रहा है कि जिस घर के फ्रिज में 29 साल की महालक्ष्मी की लाश टुकड़ों में मिली थी, वहां के वाशरूम, किचन के सिंक या फिर घर की दीवारों पर कहीं भी खून के निशान नहीं मिले हैं.
हालांकि अभी FSL की रिपोर्ट आनी है, लेकिन पहली नजर में घटनास्थल को देखकर जांचकर्ताओं के मन में ये सवाल उठ रहे हैं कि कहीं हत्या किसी और जगह करके, शव के टुकड़े यहां लाकर फ्रिज में तो नहीं रखे गए. ये एक बड़ा सवाल है. पुलिस का कहना है कि इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी की पहचान हो गई है.
बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी दयानंद ने कहा कि इस हत्याकांड को जिसने अंजाम दिया है, उस मुख्य आरोपी का हमें पता चल गया है. हम जल्द ही उसको गिरफ्तार कर लेंगे.
जानकारी के मुताबिक महालक्ष्मी की हत्या का मुख्य आरोपी ओडिशा का रहने वाला है और फरार है.
पुलिस को लगता है कि हत्या कम से कम 15 दिन पहले हुई होगी. हत्याकांड का पिछले शनिवार को पता चला था. नेपाल की रहने वाली 29 साल की महालक्ष्मी की शादी 7 साल पहले हुई थी. उसकी 5 साल की एक बेटी है. पति-पत्नी तकरीबन एक साल से अलग-अलग रह रहे थे.
वहीं कर्नाटक के गृहमंत्री जी परमेश्वर ने कहा, “ये घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन इसे बेंगलुरु में महिला सुरक्षा की खामी से नहीं जोड़ा जा सकता है. हम निर्भया कार्यक्रम के तहत सभी जरूरी कदम उठा रहे हैं. हम सीसीटीवी कैमरे से लेकर खुफिया इनपुट तक पर काम कर रहे हैं.”
पुलिस का दावा है कि इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी की शिनाख्त हो गई है, लेकिन घटना स्थल पर खून के निशान का नहीं मिलना, इस तरफ इशारा करता है कि इस महिला की हत्या कहीं और की गई और शव के टुकड़ों को यहां फ्रिज में लाकर रखा गया.
इस घटना ने बड़े पैमाने पर राजनीतिक विवाद भी खड़ा कर दिया है. विपक्षी बीजेपी ने सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है.
कर्नाटक बीजेपी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “कांग्रेस शासन के तहत, तुष्टीकरण नीतियों के कारण कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है. अशरफ द्वारा महालक्ष्मी की नृशंस हत्या से स्पष्ट है कि इस सरकार के नेतृत्व में कन्नड़ लोग अब सुरक्षित नहीं हैं.”