धरमजयगढ़ जनपद पंचायत सरकारी पारदर्शिता के दावे सिफर, अधिकारियों की मनमानी चरम पर … पढ़िए पूरी ख़बर…।
धरमजयगढ़। छत्तीसगढ़ में भाजपा की नई सरकार बनने के बाद अधिकारियों को अपनी मानसिकता बदलने की हिदायत का सिलसिला जैसे जैसे मंद होता जा रहा है, वैसे वैसे सरकारी करिंदों की मनमानी पूर्ण कार्यशैली के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हालात कुछ ऐसे हैं जहां अधिकारी क्षेत्र के प्रशासनिक मुख्य अधिकारी के आदेश को भी दरकिनार करने से परहेज नहीं कर रहे हैं। इन सब के पीछे का कारण यह है कि सरकारी दफ़्तर के अधीन दस्तावेज, जो कई तरह की कथित जन हितैषी विवरणों को समेटे हुए है, किसी भी तरह से सार्वजानिक रूप से सामने न आने पाए। रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ में एक बार फिर से ऐसा ही मामला सामने आया है। जिसमें धरमजयगढ़ अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के एक आदेश को स्थानीय जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गंभीर रूप से नजऱअंदाज करते नजर आ रहे हैं। इस मामले में धरमजयगढ़ अनुविभागीय अधिकारी राजस्व डीगेश पटेल ने आरटीआई के तहत दायर एक आवेदन पत्र मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत धरमजयगढ़ को अंतरित करते हुए मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराए जाने की बात कहते हुए तत्संबंध में एसडीएम कार्यालय को अवगत कराने का आदेश दिया। बावजूद इसके जनपद सीईओ निर्धारित समय के बाद भी मौन धारण किए हुए हैं। यहां तक कि आवेदक द्वारा चाही गई जानकारी उपलब्ध नहीं कराए जाने को लेकर स्मरण पत्र लिखे जाने के बाद भी सीईओ ने किसी तरह की कार्यवाही नहीं की। जिसके बाद सीईओ को दोबारा रिमाइंडर भेजा गया है। क्षेत्र के मुखिया के पत्र और अधिनियम के उल्लंघन का काम काफी साहसिक है और ऐसे अदम्य साहस के पीछे पॉलिटिकल सपोर्ट की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। तो इस तरह मनमाने तरीके से पारदर्शिता के सरकारी दावे को कुचलने का काम बदस्तूर जारी है।