मिर्जापुर रेलवे स्टेशन परिसर में मौजूद वर्षो पुराना शिव मंदिर ध्वस्त नव निर्माण के चलते गिराया..
वर्षों पुराना शिव मंदिर, रात के अंधेरे में जेसीबी मशीन से गिराया गया मन्दिर, मन्दिर गिराने से हिंदू समाज में भारी नाराजगी बोले आस्था पर की गई चोट, रेलवे परिसर के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा सनातन धर्म की आस्था पर पहुंचाई गई चोट जिसमें पुजारी की भी मिलीभगत का आरोप, वहीं मामले पर रेलवे ने दी सफाई स्टेशन अधिक्षक रविंद्र कुमार का बयान बोले दूसरी जगह स्थापित की गई मूर्ति, नवनिर्मित मन्दिर में मूर्ति की स्थापना कराकर कराई गई है प्राणप्रतिष्ठा। जबकि सनातन धर्म के हिसाब से जब तक किसी भी मंदिर की मूर्तियों को विस्थापित करने से पहले दूसरे नवनिर्मित मंदिर को पूर्णतया कंप्लीट निर्माण पूरा होने के बाद ही प्राण प्रतिष्ठा करवा कर मूर्ति को एक जगह से दूसरे जगह ले जाया जाता है लेकिन रेलवे परिसर में शंकर भगवान की मूर्ति को दूसरे जगह ले जाने के लिए ऐसा कुछ नहीं किया गया रातों-रात मंदिर से मूर्ति को हटवा दिया गया और मंदिर को भी जेसीबी से रातों-रात तुड़वा दिया गया। इसके पीछे का कारण लोगों में दबी जुबान बताया जा रहा है स्टेशन अधीक्षक रविंद्र कुमार बौद्धिस्ट हैं वह बुद्ध धर्म की पूजा करते हैं उनकी व्हाट्सएप की डीपी पर बुद्ध की फोटो लगी हुई है इसलिए उन्हें मूर्ति पूजा से कुछ लेना-देना नहीं रातों-रात मंदिर से मूर्ति हटाने का आरोप आज स्थानीय नागरिकों द्वारा जिम्मेदार रविंद्र कुमार को ही बताया जा रहा है क्योंकि उसके पहले उन्होंने रेलवे परिसर में पीपल के पेड़ों पर पूजा करने से भक्तों को मना कर दिया था हिंदू धर्म की आस्था से खिलवाड़ करने वाले ऐसे रेल अधिकारियों स्टेशन अधीक्षक मीरजापुर की जांच होनी चाहिए।
मंदिर ध्वस्त किए जाने से लोगों में नाराजगी, स्थानीय लोगो में देखी गई भारी नाराजगी, नाराज़ लोगो ने किया स्टेशन पर बवाल, मन्दिर के पूजारी को भी लिया निशाने पर, लोगो को उग्र होते देख पुलिस को दी गई सूचना, सूचना पर मौके पर पहुंचे सीओ सिटी मनोज गुप्ता, स्थनीय लोगो और पुलिस में भी हुई तीखी नोंकझोंक हुई। पुलिस प्रशासन द्वारा मौके पर पुलिस बल की मौजूदगी तथा प्रशासन का हनक दिखाकर भीड़ को तीतर बितर कर दिया गया जबकि स्थानीय भक्ति गणो की आस्था से खिलवाड़ होता रहा इसकी सुनवाई ना तो पुलिस प्रशासन द्वारा की गई और ना ही रेल अधिकारियों के द्वारा की जा रही है। अभी भी स्थानीय भक्तों में रोश और आक्रोश व्याप्त है।