महासमुंद : नवीन कानूनों के संबंध में मीडिया को दी गई जानकारी
आम जनता को इन कानूनों के बारे में सही जानकारी देने मीडिया से की सहयोग की अपील
महासमुंद : अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रतिभा तिवारी ने आज पुलिस कंट्रोल रूम महासमुंद में देश में विगत 1 जुलाई से लागू हुए 3 नए कानूनों-भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) के संबंध में जिले के मीडिया प्रतिनिधियों की बैठक लेकर जानकारी दी गई और अधिक से अधिक जन जागरूकता लाने एवं न्यूज़ के माध्यम से प्रचार प्रसार कर लोगों तक नवीन क़ानून की जानकारी साझा करने को कहा ।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रतिभा तिवारी ने नवीन क़ानून की जानकारी देते हुए बताया कि इन कानूनों का उद्देश्य समाज में सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करना है। इस अवसर पर उन्होंने आपराधिक न्याय प्रणाली में किए गए नवाचारों और सुधारों की जानकारी दी, जिससे न्याय की प्रक्रिया और भी प्रभावी और समयबद्ध हो सके। इस प्रयास का मुख्य उद्देश्य नागरिकों के अधिकारों की रक्षा और अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना है। उन्होंने बताया कि भारतीय न्याय संहिता कानून का उद्देश्य न्यायिक प्रक्रियाओं को सरल और त्वरित बनाना है। इसके तहत न्यायालयों के कार्य में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता कानून नागरिकों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए लागू किया गया है। इसके तहत पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को जिम्मेदारियां दी गई हैं ताकि वे नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें। उन्होंने अंतिम नवीन क़ानून के बारे में बताते हुये कहा कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम का उद्देश्य न्यायिक प्रक्रिया में साक्ष्यों की विश्वसनीयता और प्रामाणिकता को सुनिश्चित करना है। इसके तहत साक्ष्यों के संग्रहण, प्रस्तुति, और मूल्यांकन में सुधार किए गए हैं। बैठक में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस श्री अजय शंकर त्रिपाठी, एसडीओपी श्री कृष्णा पटेल, रक्षित निरीक्षक दीप्ति कश्यप और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
इसके पश्चात अनुविभागीय अधिकारी पुलिस श्री अजय शंकर त्रिपाठी ने कार्यक्रम में नवीन क़ानून के संबंध में विभिन्न धाराओं के तहत नागरिकों को प्रदत्त अधिकारों, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध से निपटने के लिए शामिल किए गए धाराओं, न्याय प्रणाली में प्रौद्योगिकी का समावेश, अपराधों एवं दंडों का पुनर्परिभाषित, आपराधिक न्याय प्रणाली में परिवर्तन, पुलिस की जवाबदेही और पारदर्शिता, आईपीसी और बीएनएस की सामान्यतः प्रयुक्त धाराओं तथा मोबाइल ऐप “एनसीआरबी आपराधिक कानूनों का संकलन“ समय और शीघ्र न्याय के लिए जोड़े गए धाराओं के बारे में एवं कानूनों में किए गए मुख्य परिवर्तन एवं विशेषताओं को विस्तार से समझाया।
त्रिपाठी ने कहा कि कानूनों की जानकारी के अभाव में नागरिकों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों का पूरा ज्ञान नहीं हो पाता, जिससे कई बार समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया जन जागरूकता फैलाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। मीडिया के माध्यम से सही और सटीक जानकारी लोगों तक पहुंचाई जा सकती है, जिससे कानून व्यवस्था में सुधार होगा और समाज में शांति और सुरक्षा बढ़ेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि मीडिया इस पहल में सहयोग करेगी और नवीन कानूनों की जानकारी और जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण योगदान देगी।