भारतीय न्याय संहिता को लेकर जन जागरुकता कार्यक्रम संपन्न
सारंगढ़। जिला पुलिस कप्तान कार्यालय में भारतीय न्याय संहिता को लेकर जन जागरूकता अभियान के तहत पुलिस उप कप्तान कमलेश चंदेल ने कहा कि – नई भारतीय न्याय संहिता ही कानून की आत्मा है जो न्याय, समानता, निष्पक्षता को बल देता है। इस नयें कानून में पुलिस की जवाब देही बढ़ाई गई है व विवेचना, जांच में पारदर्शिता लाने के लिए तलाशी और जप्ती के दौरान वीडियोग्राफी अनिवार्य कर दिया गया है। गिरफ्तारी व तलाशी, जप्ती व जांच में पुलिस की जवाबदेही बढ़ाने के लिए 20 से अधिक धाराएं शामिल की गई है। भारतीय न्याय संहिता जन जागरुकता में उपपुलिस कप्तान कमलेश चंदेल ने कहा कि – आज इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल रिकॉर्ड को साक्षी के रूप में मान्यता नए कानून के द्वारा दी गई है। डिजिटल रिकॉर्ड की स्वीकार्यता धारा 62 और 63 इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की स्वीकार्यता दी गई है भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 में अभिरोपित धारा 167 से बढक़र 170 किया गया है। 24 धाराएं बदली गई है, दो नई धाराएं जोड़ी गई है। 6 धाराएं निरस्त की गई है। भारतीय नागरिक सुरक्षा में 484 धाराएं थी जिसे बढ़ाकर 531 की गई है । जिसमें 9 नई धाराएं जोड़ी गई है, 14 धाराएं निरस्त की गई है जांच में प्रौद्योगिकी उपयोग बढ़ाया गया है। जुर्माना बढ़ाया गया है। धारा 176 (1) (ख) ऑडियो – वीडियो के माध्यम से पीडि़त के बयान रिकॉर्ड करने का अधिकार दिया गया है, अभी तक भारतीय दंड संहिता के रूप में व्यवस्थाएं संचालित थी, पर 1 जुलाई 24 से यह भारतीय न्याय संहिता के रूप में चलाई गई है अंग्रेजों के बनाएं आईपीसी के कानून खत्म हो गई व इसके जगह बने तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए।
एसडीओपी अविनाश मिश्रा ने कहा कि – नये कानून में बालक, बुजुर्ग और महिलाओं को विशेष फोकस किया गया है। दुष्कर्म पीडि़ता का बयान महिला पुलिस अधिकारी उसके अभिभावक या रिश्तेदारों की मौजूदगी में दर्ज करेगी और मेडिकल रिपोर्ट 7 दिन के भीतर देनी होगी।महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर एक नया अध्याय जोड़ा गया है। किसी बच्चे को खरीदना और बेचना जघन्य अपराध बनाया गया है और किसी नाबालिक के साथ सामूहिक दुष्कर्म के लिए मृत्यु दंड या उम्र कैद का प्रावधान जोड़ा गया है। नए कानून में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों की जांच को प्राथमिकता दी गई है। मामले दर्ज किए जाने के 2 महीने के भीतर जांच पूरी की जाए। नए कानून के तहत पीडि़तों को 90 दिन के भीतर अपने मामले की प्रगति पर नियमित रूप से जानकारी पाने का अधिकार होगा। महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अपराध पीडि़तों को सभी अस्पतालों में निशुल्क इलाज मुहैया करवाई जाएगी। मिश्रा जी ने आगे कहा कि – भारतीय न्याय संहिता 2023 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधि. 2023 लागू हो गई है। नयें आपराधिक कानून में जांच, ट्रायल व अदालती कार्यवाहियों में तकनीकी के इस्तेमाल पर खासा जोर दिया गया है। इसलिए एनसीआरबी ने मौजूदा क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम एप्ली केशन में 23 संशोधन किए हैं। आभार प्रदर्शन एसडीओपी अविनाश मिश्रा ने किया। इस अवसर पर जनसंपर्क अधिकारी देव यादव पत्रकार भरत अग्रवाल ओमकार केसरवानी जगन्नाथ बैरागी संजय मानिकपुरी के साथ अन्य पत्रकार उपस्थित रहे। उपस्थित पत्रकार को समापन में अल्पाहार करवाया गया।