उत्तराखंड जनपद देहरादून के तहसील विकास नगर क्षेत्र अंतर्गत नदिया एवं खेत चढ़े खनन माफिया की भेंट।
स्वारना नदी में चल रहा है भारी मात्रा में अवैध खनन स्टोन क्रशर
उत्तराखंड सरकार द्वारा अवैध खनन कार्य को रोकने के लिए प्रशासन को नकारा मानते हुए बाहरी प्रदेश की एक निजी कंपनी को अवैध खनन रोकने के लिए उत्तराखंड प्रदेश में नियुक्त किया था परंतु जब से उक्त कंपनी में उत्तराखंड प्रदेश में दस्तक दी प्रदेश के नदी नालों, खाले एवं नदी से लगते खेतों मे मै अवैध खनन की रफ्तार दुगनी हो गई ऐसा ही एक प्रकरण सेलाकुई के कैंची वाला अब्दुल्लापुर स्टोन क्रशर जो सूत्रों के माध्यम से मिली जानकारी अनुसार राहुल गर्ग, शशांक लाला निवासी हरियाणा एवं विकास नगर का बताया जा रहा है जिसकी दबंगई उक्त स्टोन क्रेशर पर उत्तराखंड सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ाकर एवं एवं प्रशासन की आंखों में धूल झोककर स्थानीय नदियों से अवैध खनन कर स्वीकृत भंडारण से 10 गुना अधिक खनन सामग्री अवैध रूप से इकट्ठा कर रात दिन उक्त स्टोन क्रेशर को अवैध रूप से संचालित किया जा रहा है उक्त अवैध कार्य का संज्ञान जिम्मेदार खनन विभाग, तहसील प्रशासन, एवं फॉरेस्ट विभाग धृतराष्ट्र बन बैठा है ऐसा प्रतीत होता है कि हरी पत्ती ने सबके मुंह बंद किए हुए हैं एवं सूत्रों सूत्रों के माध्यम से मिली जानकारी कि उक्त स्टोन क्रेशर स्वामी शशांक लाला की अवैध खनन रोकने आई कंपनी से बहुत अच्छी सांठ-गांठ है हो गई है जिसके चलते दबंग खनन माफिया शशांक लाला का अवैध कारोबार नित नए किर्तिमान स्थापित कर रहा है निजी कंपनी आने से नदियों का विस्तार हुआ है नदियों के किनारे किसानों के खेत खत्म होते दिखाई दे रहे हैं एवं खनन माफिया के भेंट चढ़ रहे हैं और अवैध खनन की वजह से वर्तमान में बरसात के मौसम में नदियों का रुक आबादी की ओर जाते दिख रहा है एवं सूत्रों का कहना है कि कई हजार कृषि भूमि नदी के पानी की भेंट चढ़ चुकी है अवैध खनन माफियाओं द्वारा किए गए 20-20 फीट के गड्ढे किसी झुमरी तलैया से कम नहीं यदि बरसात के दौरान बहता पानी में यदि कोई जानवर व इंसान बह जाए तो उसकी बचने की उम्मीद तक नहीं है और अवैध खनन चलता रहा स्वारना नदी झील रूपी समुद्र का शहर कहलाएगी रोजाना सैकड़ो लोग एवं मवेशी उक्त झील रुपीस समुद्र नुमा गढ़ों में डूबकर अपनी जान गंवाएंगे