सीएमडी दफ्तर के बाहर भूविस्थापितों का प्रदर्शन, तीन एरिया में खदानबंदी 23 को।।
वरोध . वनटाइम सेटलमेंट से एसईसीएल में लंबित पुराने प्रकरणों में नौकरी की मांग।
कोरबा भूविस्थापितों ने मंगलवार को एसईसीएल के सीएमडी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया। वनटाइम सेटलमेंट से एसईसीएल में लंबित पुराने प्रकरणों में नौकरी की मांग पूरा नहीं होने पर तीन एरिया गेवरा, कुसमुंडा व दीपका माइंस में 23 अगस्त को खदानबंदी आंदोलन की चेतावनी दी है।
लगभग 40 साल पहले जमीन का अधिग्रहण की थी। भूविस्थापित रोजगार एकता संघ की अगुवाई में भूविस्थापितों ने एसईसीएल सीएमडी के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया। एसईसीएल के तीन एरिया गेवरा, कुसमुंडा व दीपका माइंस के भूविस्थापितों ने 40 साल पहले अधिग्रहित जमीन पर वनटाइम सेटलमेंट से नौकरी की मांग की। भूविस्थापितों को दफ्तर के भीतर जाने से रोका तो बाहर प्रदर्शन करने लगे। एसईसीएल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
भूविस्थापितों के प्रतिनिधि मंडल को एसईसीएल प्रबंधन ने चर्चा के लिए बुलाया। एसईसीएल के कुसमुंडा, गेवरा, दीपका क्षेत्र के प्रभावित गांव के भू विस्थापितों ने छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित संगठन के नेतृत्व में लंबित रोजगार की प्रकरणों का निराकरण कर सभी खातेदारों को रोजगार देने की मांग को लेकर एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर के मुख्य द्वार को बंद कर घेराव करते हुए सभी खातेदारों को रोजगार देने की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शन के बाद एसईसीएल मुख्यालय के अंदर से अधिकारी बाहर आकर एक प्रतिनिधि मंडल को मांगो के संबंध में चर्चा के लिए बुलाया।
बैठक में किसान सभा के प्रदेश संयुक्त सचिव प्रशांत झा ने कहा जिन किसानों की जमीन एसईसीएल ने अधिग्रहित की है उन्हें कंपनी में रोजगार देना होगा। 10 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। इसके बाद 23 अगस्त को खदानबंदी आंदोलन करने बाध्य होंगे। एसईसीएल मुख्यालय के सामने प्रदर्शन में अनिल बिंझवार, रघुनंदन, नरेश, कृष्ण कुमार, नरेंद्र, होरीलाल, सुमेंद्र सिंह, अनिरुद्ध, हरिशरण, डूमन, उमेश, विजय, लम्बोदर, उत्तम, जितेंद्र, गणेश, नरेश दास, मानिक दास, नौशाद अंसारी उपस्थित रहे।
नियमानुसार प्रक्रिया पूरी कर नौकरी का दिलाया भरोसा भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ के दामोदर श्याम, रेशम यादव, रघु यादव, सुमेंद्र सिंह, पवन यादव ने कहा कि 1978 से लेकर 2004 के बीच कोयला खनन के लिए जमीन को अधिग्रहित किया गया है। लेकिन तब से अब तक विस्थापित ग्रामीणों को न रोजगार दिया गया है और न पुनर्वास। एसईसीएल के अधिकारियों ने रोजगार के पुराने प्रकरणों में प्रत्येक खातेदारों को रोजगार देने की प्रक्रिया कंपनी के नियमानुसार पूरा करने आश्वस्त कि
या है।