कोरबा

क्रीमी की दवा खाकर स्कुली बच्ची हुई बेहोश?

कोरबा के एनसीडीसी स्थित स्वामी आत्मानंद हायर सेकेंडरी स्कूल में बच्चों को एल्बेंडाजोल दवाई दी जा रही है. ताकि बच्चों को फाइलेरिया या पेट में कृमि (कीड़े) की शिकायत न हो. इसी बीच काफी समय तक अनुपस्थिति के बाद पहुंची एक छात्र दवाई खाने के बाद अचानक बेहोश हो गई। उसे डायल 112 की टीम ने अस्पताल भिजवाया। इस मामले को लेकर कहा जा रहा है कि विद्यार्थियों को कृमि नाशक दवा एल्बेंडाजोल दी गई थी जिसके असर से यह हुआ। लेकिन स्कूल प्रबंधन ने इस प्रकार के दावे से इनकार किया। बताया गया कि छात्रा का स्वास्थ्य काफी समय से ठीक नहीं था। इसकी जानकारी उसने अन्य सहपाठियों को दी थी।अधिक मात्रा में मीठी चीज या चाक मिट्टी का उपयोग करने पर बच्चों के पेट में विकार उत्पन्न हो जाते हैं और यह कृमि नाशक नामक बीमारी का रूप ले लेते हैं। इसके प्रभाव से पीड़ितों को एहसास होता है कि पेट में कोई चीज काट रही है। अधिक समय तक इस स्थिति से जूझने पर कमजोरी से लेकर दूसरे लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से सभी स्कूलों में कृमि नाशक अभियान को प्रारंभ किया है और इसके तहत विद्यार्थियों को निश्चित दिवस पर अल्बेंडाजोल की दवा देना सुनिश्चित किया है। जानकारी के अनुसार कोरबा में एनसीडीसी हायर सेकेंडरी स्कूल में कक्षा नवमी की छात्रा रोशनी की तबीयत अचानक खराब हो गई जो 2 महीने के बाद यहां पहुंची थी।

 

बताया गया कि अभियान के अंतर्गत विद्यार्थियों को दवा दी गई थी। इसके दुष्प्रभाव के बारे में किसी ने शिकायत नहीं की। लेकिन इसी बीच रोशनी बेहोश हो गई। दावा किया गया कि एल्बेंडाजोल के प्रभाव से उसकी तबीयत खराब हुई। लेकिन उसकी सहपाठियों ने बताया कि वह बुखार से पीड़ित थी और इसकी जानकारी उनसे साझा की गई थी। विद्यालय की प्राचार्य डॉक्टर अलका फिलिप्स ने बताया कि 2 महीने बीमार होने की बात कहते हुए छात्र अपनी मां के साथ विद्यालय पहुंची थी। वह पहले से बीमार थी। उसकी बेहोशी के मामले में एल्बेंडाजोल का कोई असर नहीं रहा होगा।

 

छात्रा की तबीयत खराब होने पर स्कूल प्रबंधन ने तुरंत सुध ली । आगे सूचना दिए जाने पर डायल 112 की टीम यहां पहुंची और उसके माध्यम से छात्र को अस्पताल पहुंचाया गया जहां पर उसकी चिकित्सा की गई। माना जा रहा है कि पूर्व से बिगड़ी तबीयत के कारण रोशनी के साथ स्कूल में ऐसा हुआ। कहां जा रहा है कि अभियान के अंतर्गत जब सभी विद्यार्थियों को एल्बेंडाजोल टैबलेट्स दी गई तो केवल एक छात्र ही पर उसका साइड इफेक्ट क्यों होगा? सारी चीज को देखते हुए लगता है की छात्रा पूर्व से बीमार थी उनको पर्सनल कुछ साइड इफेक्ट हो गया होगा बच्ची के साथ घटना कैसे घटित हुआ यह तो रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा

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