छत्तीसगढ़ में अब पांचवीं और आठवीं क्लास में होगी बोर्ड परीक्षाएं, साय कैबिनेट ने सेंट्रलाइज्ड एग्जाम का लिया फैसला
रायपुर: छत्तीसगढ़ में मंगलवार को साय कैबिनेट की अहम बैठक हुई इस मीटिंग में कई अहम फैसले लिए गए. कुल आठ से ज्यादा फैसले लिए गए. जिसमें सबसे बड़ा फैसला छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में पांचवीं और आठवीं क्लास में बोर्ड परीक्षा( सेंट्रलाइज्ड एग्जाम) कराने का फैसला है. मंत्रिपरिषद ने कक्षा 5वीं एवं 8 वीं के एग्जाम को सेंट्रलाइज्ड किये जाने का फैसला लिया है. इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया है.
साय कैबिनेट में किसानों के लिए बड़ा फैसला: साय कैबिनेट में किसानों के लिए भी बड़ा फैसला किया गया है. इसके तहत खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में मक्के के फसल को प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान के तहत लाया गया है. इसके साथ ही दलहन-तिलहन और रबी विपणन वर्ष 2025-26 में चना, मसूर एवं सरसों के उपार्जन के लिए एजेंसी को नियुक्त किया गया है.
प्रोक्योरमेंट एजेंसी को लेकर फैसला: इसके तहत नेफेड एवं एनसीसीएफ को प्रोक्योरमेंट एजेंसी बनाने पर फैसला हुआ है. प्रदेश के किसानों को उन्नत बीजों की उपलब्धता के लिए भी फैसला हुआ है. विभिन्न योजनाओं में इम्पैनल्ड सेंट्रल नोडल सीड एजेंसी से आवश्यकतानुसार सीधे बीज खरीदा जा सकेगा. छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निग को इस कार्य के लिए छूट देने का फैसला किया गया है.
साय कैबिनेट के अन्य फैसले: साय कैबिनेट के अन्य फैसलों पर नजर
छत्तीसगढ़ राज्य जल विद्युत परियोजना (पम्प स्टोरेज आधारित) स्थापना नीति 2023 में बदलाव किया गया है. इसके तहत ऊर्जा विकास शुल्क को समाप्त करने पर फैसला हुआ है. हरित ऊर्जा शुल्क में भी इजाफे के प्रावधान को कैंसिल किया गया है.
साय कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ में हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पाोरेशन और नगरीय विकास एवं अन्य क्षेत्रों में सहायता प्राप्त करने के उद्देश्य से एमओयू की मंजूरी दी है.
छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल के तहत व्यपवर्तन शुल्क प्रीमियम में छूट का फैसला किया गया है. इसके साथ ही फाइन और भू राजस्व के निर्धारण मे छूट का फैसला हुआ है. इससे मकान खरीदने वालों को फायदा होगा. छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल द्वारा फ्री-होल्ड किए गए आवासीय भूखण्डों के लिए व्यपवर्तन शुल्क और आर्थिक दंड में छूट प्रदान करने का भी फैसला किया गया है.
प्रदेश में राजनीतिक आंदोलन से जुड़े केसों को वापस लेने का भी फैसला किया गया है. इसमें कुल 54 प्रकरणों को न्यायालय से वापस लिए जाने की मंजूरी दी गई है.
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत हितग्राहियों को चना उपलब्ध कराने के लिए भी प्रावधान किया गया है. इशके तहत NeML ई-ऑक्शन प्लेटफॉर्म का उपयोग करेगा