भ्रष्ट्राचार पर बात करोगे तो मुकदमा कायम होगा,जुड़वानी सरपंच सचिव की तानाशाही से परेशान पंचायत..
सुनील कुमार दाहिया की रिपोर्ट
आखिर आज के लोकतंत्र में ग्रामीण क्षेत्रो में सरपंच पंच उपसरपंच क्यो चुनता है। तमाम लोग इस महाकुंभ में हिस्सा लेते है लेकिन गाँव की जनता उनमें से एक व्यक्ति को ही जिससे उसे उम्मीद होती है कि ये व्यक्ति हमारे गाँव का उचित विकास कर जन सुविधाओ का विस्तार करेगा। लेकिन जब वही चुना हुआ व्यक्ति मनमानी पर उतारू हो जाय जन भावनाओं के विपरीत तानाशाह बन जाये तो ऐसे में ग्रामीण की जनता अपने आप को ठगा महसूस करने लगती है उसे लगता है कि हमने गलत चुनाव कर लिया। लेकिन जब वह व्यक्ति भ्रष्ट्राचार में उतारू हो जाय तो गाँव की जनता प्रताड़ित होने लगती है। ऐसा ही मामला मैहर के जुड़वानी ग्राम पंचायत से सामने आ रहा है जहां सरपंच और सचिव की मनमानी भ्रष्ट्राचार से परेशान ग्राम के पंच उपसरपंच प्रशासन के समक्ष लिखित शिकायत देकर किये जा रहे भ्रष्ट्राचार पर अंकुश लगा शासन की मंशा अनुरूप कार्य कराए जाने की मांग की है। लिखित शिकायत में आरोप लगाते हुए कहा है कि सरपंच और सचिव कार्य तो तमाम तरह के कर रहे है लेकिन इसके आय व्यय की जानकारी किसी को नही देते। मनरेगा के तहत जो कार्य ग्रामीणों से कराए जाने चाहिए उन्हें मशीनों व बाहरी लोगों से कराए जा रहे है मस्टररोल फर्जी भरकर पैसा आहरित किया जा रहा है जो सरपंच सचिव की तानाशाही को प्रदर्शित करता है। पंचों का निर्धारित मानदेय नही मिल पा रहा। भ्रष्ट्राचार युक्त किये जा रहे कार्यो की शिकायत या जांच की बात जब सचिव से की जाती है कितना पैसा आया कहा कितना व्यय हुआ इसकी जानकारी जब सचिव से माँगी जाती है तो कार्य मे बाधा डालने हारिज एक्ट जैसे मामलों में फसा देने की धमकी दी जाती है। ग्रामीण सरपंच सचिव की मनमानी से खासे परेशान है और मामले की लिखित शिकायत जिला कलेक्टर मैहर को सौंपकर निष्पक्ष जांच की मांग की है। देखना लाजमी होगा ग्रामीणों की गंभीर शिकायत पर जिला प्रशासन क्या संज्ञान लेता है।